{MUST READ} Maa - Baap Ke Saath Chudai in Hindi
"माँ बाप के साथ चुदाई का दिन"
मेरा लंड लगभग 8 इंच का हो गया था और वो भी सिर्फ़ मुठ मारने की वजह से. मैंने 2 हॉस्टल बदले पहला सोनीपत में और दूसरा अस्थल बोहर में, अस्थल बोहर में 9वीं क्लास (2005) में गया था. वहाँ मुझे सिर्फ़ एक लड़के की मिली थी, उसका नाम नीरज था, लेकिन उसकी फटी पड़ी थी, क्योंकि वो हॉस्टल का उस वक़्त का सबसे बड़ा चोदूं था, बाकी मुझे किसी की नहीं मिली, लेकिन सब ये जानते थे कि मैंने कई लड़को को चोदा है, क्योंकि मेरी छवि ही ऐसी थी.
माँ बाप के साथ चुदाई |
अब में नीरज को चोदने के बाद एक लड़की को चोदना चाहता था. अब में जब भी घर जाता तो वहाँ मुझे मेरी माँ और बाप से बहुत ज़्यादा प्यार मिलता था. वो दोनों हर रोज रात को चुदाई का खेलते थे. ये मैंने छुपकर देखा था, वो एक दूसरे के अलग-अलग पोज बनवाते और मेरी माँ तो रंडी की तरह बर्ताव करती थी. में हमेशा मेरी माँ के बूब्स देखता रहता था, क्योंकि मुझे बूब्स बहुत पसंद है और में उसे चोदने की सोचता रहता हूँ. अब जब मेरा बाप उसे चोदता तो मेरा मन करता कि में भी उसके साथ ही लग जाऊँ, लेकिन उन दोनों का दरवाजा बंद रहता था.
फिर एक दिन में मेरे माँ और बाप की चुदाई का खेल देख रहा था, तो तब मैंने मेरी माँ को कहते हुए सुना (मेरे बाप से) कि भोसड़ी के तेरे लड़के का लंड भी बहुत बड़ा है और में तो यह चाहती हूँ कि किसी दिन मुझे उसका लंड भी मिल जाए. फिर मेरा बाप उससे बोला कि रंडी तुझे तो मेरे दोस्तों ने भी चोदा है, तो मेरा लड़का भी चोद देगा.
तभी से मेरे दिल में उसके लिए हवस जाग उठी और मेरी उसे चोदने की चाहत और ज़्यादा हो गयी. फिर मैंने सोचा कि जब बाहर के लोग उसे चोदते है, तो फिर में क्यों नही? और फिर मेरी माँ भी तो यही चाहती है. फिर अगले दिन मैंने एक प्लान बनाया और उन दिनों गर्मियों के दिन थे.
अब में 1 बजे मेरी माँ के साथ चाय पी रहा था, तो मैंने इस तरह सेटिंग की जिससे मेरा लंड और उसकी चूत आमने सामने थी.
फिर मैंने ऐसा नाटक किया जैसे मेरे हाथ से गिलास फिसल गया हो और मैंने चाय गिरा दी. अब वो चाय इस तरह गिराई कि मेरे लंड पर गिरे और कुछ उसकी चूत पर गिरे और चाय के गिरते ही मैंने अपनी पेंट और चड्डी निकालकर फेंक दी. अब मेरा लंड जल गया था और मेरी माँ की चूत भी जल गयी थी. अब मेरी माँ जलन के मारे कूदने और मुझे गाली देने लगी थी.
फिर तभी मेरी माँ के मुँह से निकल गया कि अब तेरा बाप क्या चोदेगा? तो मैंने तभी मौका देखा और मेरी माँ को बोल दिया कि अब रात को मुझे क्या देखने को मिलेगा? तो मेरी माँ बोली कि क्या तू मेरी चूत देखता था? तो मैंने हाँ बोला. फिर माँ बोली कि कितने दिनों से? तू तो बचपन से ही मुझे चोदना भी चाहता था. अब उसने इस तरह से कहा कि जैसे उसने जलन के मारे कहा हो, तो में समझ गया कि ये सचमुच रंडी है. फिर मैंने कहा कि हाँ, तो माँ बोली कि क्या तुमने कल भी हमें देखा था? तो मैंने हाँ बोला.
फिर माँ बोली कि क्या हमारी बातें भी सुनी थी? तो मैंने हाँ बोला. फिर माँ बोली कि सारी बातें, तो मैंने बोला कि हाँ, तो माँ बोली कि तेरे बारे में जो कहा था वो भी, तो मैंने बोला कि हाँ माँ. फिर माँ बोली कि इसलिए ही तुमने मेरे ऊपर चाय गिराई है ना?
अब आप लोग सोच रहे होंगे कि चाय गिराई उसकी जलन क्यों नहीं हो रही? इसलिए में बता दूँ कि चाय थोड़ी ठंडी थी इसलिए ज़्यादा देर तक जलन नहीं हुई. फिर माँ ने जब पूछा तो में एक बार तो डर गया था, तो फिर मैंने कहा कि हाँ.
फिर माँ बोली कि तू अब मेरे सामने नंगा ही खड़ा रहेगा, क्या कुछ पहनेगा भी? तो मैंने कहा कि में तो ये सोच रहा था कि अब तुम मेरे दवाई लगाओगी. फिर माँ ने कहा कि तुझे अभी भी जलन हो रही है क्या? तो मैंने झूठ बोल दिया कि हाँ. फिर माँ ने कहा कि ठहर में अभी दवाई लेकर आती हूँ.
फिर माँ थोड़ी देर के बाद बोरोलिन लेकर आई और लगाने लगी और बोली कि कहाँ पर लगाऊँ? तो में बोला कि जहाँ पर तुम्हारा मन करे. फिर माँ बोली कि जलन कहाँ हो रही है? तो में बोला कि लंड पर. फिर माँ बोली कि उसकी जलन तो चूत से बुझेगी, तो इतना सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और में बिना कुछ देखे माँ के गले लग गया और उसके कपड़े फाड़ दिए और उसे चोदने लगा. फिर माँ ने मेरा लंड अपने एक हाथ से पकड़ा और फिर मुठ मारने लगी, तो में थोड़ी देर में ही झड़ गया.
मैंने कहा कि माँ ये तो में खुद कर लेता. अब कुछ ऐसा करो जो में नहीं कर सकता. फिर माँ ने कहा कि अब तो तेरा मुरझा गया है, तो मैंने कहा कि थोड़ी देर चूसो फिर देखना पप्पू का कमाल, तो माँ बोली कि चल देखते है. अब माँ मेरा लंड चूसने लगी थी और अब वो तो सच में ही रंडी की तरह बर्ताव कर रही थी, तो मेरा फिर से खड़ा हो गया.
फिर माँ ने कहा कि चल एक काम करते है, तो मैंने कहा कि आज तो तेरी चूत मेरी और मेरा लंड तेरा, जो कुछ करना हो करेंगे. फिर माँ ने कहा कि में तेरा लंड चूसती हूँ, तू मेरी चूत चूस. फिर माँ ने एक ऐसा पोज़ बनाया कि में उसकी चूत चाट सकूँ और वो मेरा लंड चूस सके.
फिर लगभग 30 मिनट तक तो हम दोनों एक दूसरे का चूसते रहे, तो इस बीच माँ की चूत 3 बार झड़ी और में एक बार फिर झड़ गया. फिर माँ ने मेरा लंड फिर से खड़ा किया, तो में माँ के ऊपर चढ़ गया और उसे चोदने लगा. मेरा लंड 11 इंच का था, लेकिन फिर भी उसे कोई असर नहीं हुआ. फिर में उसको 108 की पोजिशन में लाया और फिर उसकी चूत में ही झाड़ दिया.
अब में उस 1 घंटे में 3 बार झड़ा था और माँ 5 बार झड़ी थी और फिर हम थककर एक साथ सो गये और फिर हमें पता ही नहीं चला कि कब 5 बज गये और जब आँख खुली तो सामने मेरे पापा खड़े थे. फिर में डर गया, लेकिन मेरी माँ ने कुछ नहीं किया और लेटी रही और में अपने कपड़े पहनने लगा. तभी मेरे पापा बोले कि अरे अभी कपड़े पहनने लगा, अभी तो खेल बाकी है. तो इतना सुनते ही मुझे पता चल गया कि मेरे पापा किसी दलाल से कम नहीं है.
फिर मेरे पापा बोले कि कितनी बार झड़ा? तो मैंने डरते हुए कहा कि 4 बार, तो पापा को सुनाई नहीं दिया और बोले कि डरता क्यों है? जोर से बोल, लेकिन अब मेरी तो आवाज़ ही नहीं निकल रही थी, तो तभी माँ बोली कि 4 बार, अब सुन लिया साले बहरे. फिर पापा मेरे लंड को देखकर बोले कि वाह रे तेरा भी बहुत बड़ा है और इतना कहकर वो भी अपने कपड़े निकालने लगे.
अब उनका लंड तन चुका था, तो उनके कपड़े निकालने के बाद मैंने देखा कि उनका तो मुझसे 1 इंच बड़ा है. फिर पापा माँ से बोले कि तेरा बेटा तो जवान हो गया है, अब चल देखते है कौन ज़्यादा चोदता है? फिर पापा ने एक गोली खाई और एक मुझे भी दी और बोले अब चोद. फिर गोली खाते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और उनका भी लंड पूरा खड़ा हो गया था. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था तो में माँ के ऊपर चढ़ गया और उन्हें चोदने लगा.
अब में उन्हें चोदने में इतना व्यस्त हो गया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरे पापा मेरे ऊपर चढ़ गये और मेरी गांड पर अपना लंड लगाने लगे. फिर मैंने कहा कि पापा आपका बहुत बड़ा है, मेरी गांड फट जाएगी.
पापा बोले कि अरे कोई बात नहीं कुछ नहीं होगा, उस दवाई से दर्द भी कम होगा और में ज़्यादा डालूँगा भी नहीं, तो में मान गया और इस तरह हमने चैन बना ली. अब अभी तक पापा सिर्फ़ मेरी गांड पर अपना लंड रगड़ रहे थे कि अचानक से उन्होंने एक ज़ोर का धक्का दिया तो उनका लंड 1 इंच मेरी गांड के अंदर घुस गया और में दर्द के मारे रोने लगा और मेरी गांड से खून भी निकल आया, क्योंकि मैंने आज तक इतना लंबा और मोटा देखा तक नहीं था.
फिर वो बोले कि अरे रोता क्यों है? चल छोड़ देता हूँ और उन्होंने अपना लंड वापस बाहर निकाल लिया. फिर वो बोले कि जा खून साफ़ करके आ, तो में बाथरूम में गया और अपनी गांड को धोकर आया. फिर ज़ब में वापस आया तो मैंने देखा कि मेरा बाप मेरी माँ को चोद रहा था तो मैंने सोचा कि ये बदला लेने का अच्छा मौका है और फिर में भी उन्हें चोदने लगा.
फिर पापा बोले कि अच्छा बेटा बदला लेगा. तो मैंने कहा कि नहीं पापा में भी तो कुछ करूँ और फिर में अपने बाप को चोदने लगा, लेकिन अब मैंने उनकी गांड के अंदर अपना 3 इंच लंड डाल दिया था, लेकिन उन्हें कुछ नहीं हुआ.
फिर पापा बोले कि बेटे तेरे बाप ने धूप में गांड लाल नहीं की है, मेरी गांड में बहुत बड़े-बड़े लंड आते है, चल आ अब में तेरी माँ की चूत में अपना लंड डालता हूँ और तू उसकी गांड में अपना लंड डाल, तो में वैसे ही करने लगा, लेकिन ये तो और अजीब था. अब मेरी माँ मेरे पापा का और मेरा दोनों का पूरा लंड एक साथ ले रही थी. अब हमारा 1 घंटे तक नहीं झड़ा था और मेरी माँ 2 बार झड़ गयी थी.
फिर हमारा 1 घंटे के बाद झड़ा और फिर माँ ने हम दोनों की एक साथ मुठ मारी और हमारा लंड फिर से खड़ा किया. फिर तब मैंने माँ की चूत में अपना लंड डाला और पापा ने माँ की गांड मारी. फिर थोड़ी देर के बाद पापा ने हटकर उनके मुँह में अपना लंड डाल दिया और 30 मिनट के बाद मैंने माँ की चूत में अपना लंड डाल दिया और पापा ने माँ के मुँह में ही अपना माल झाड़ दिया. फिर माँ हम दोनों का सारा माल पी गयी और मेरा चूत से और पापा का मुँह से. अब हम हर रोज यहीं खेल खेलते और रात को 1 बजे तक ही सो पाते है और उस दिन के बाद ना तो मेरा बाप रहा और ना मेरी माँ, अब वो दोनों मेरे बेड पार्ट्नर्स है.
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